शुक्रवार, 7 मई 2021

वाच्य की परिभाषा / वाच्य के भेद / Voice / vachay ki paribhasha / vachay ke bhed


वाच्य की परिभाषा / वाच्य के भेद



वाच्य की परिभाषा / वाच्य के भेद

वाच्य की परिभाषा


क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि किसी वाक्य में कर्ता, कर्म या भाव में किसी एक की प्रधानता हो उसे वाच्य कहते है 

वाच्य के भेद 


वाच्य के तीन भेद होते है 

1. कर्तृ वाच्य (Active voice)
2. कर्म वाच्य (Passive voice)
3. भाव वाच्य (Impersonal voice)


1. कर्तृ वाच्य (Active voice)

कर्ता की प्रधानता रहती है 
क्रिया का सीधा तथा प्रधान सम्बन्ध कर्ता से होता है 

उदहारण 

1. राम पत्र लिखता है 
2. गोपाल पुस्तक पड़ता है 
3. बालक सोता है 

2. कर्म वाच्य (Passive voice)

कर्म की  प्रधानता होती है 
क्रिया का सीधा सम्बन्ध कर्म से होता है 


उदाहरण 

1. राम से पत्र लिखा जाता है 
2. पुस्तक पढ़ी गई 
3. गीत गया गया 

3. भाव वाच्य (Impersonal voice)

भाव की प्रधानता होती है 
क्रिया का सीधा सम्बन्ध भाव से होता है

Note - भाववाच्य का प्रयोग विवशता, असमर्थता व्यक्त करने के  लिए होता है 

उदाहरण 

1. मोहन से टहला नहीं जाता  
2. मुझसे बैठा नहीं जाता 
3. मुझसे चला नहीं जाता 


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Shailesh Kumar 
        M.Sc, B.Ed 

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