पांड्य वंश, चोल वंश, चेर वंश, यवन वंश
पांड्य वंश
संस्थापक - नेडियोंन
राजधानी - मदुरै
1. मदुरै मोतियों के लिए प्रशिद्ध थी
2. पांड्य शासको के रोम साम्राज्य के साथ व्यापारिक सम्बन्ध थे एवं उन्होंने रोम सम्राट आंगस्टन के दरबार में अपने राजदूत भेजे
चोल वंश
1. इस वंश का साम्राज्य चोलामंडलम या कोरोमण्डल कहलाता था
2. राजधानी - कवेरीपट्टनम
3. ऊरैयर - कपास के व्यापार का प्रमुख केंद्र था
4. इनकी आय का प्रमुख स्रोत्र कपास का व्यापार था
5. चोल शासक एक सक्षम नौसेना भी रखते थे
6. चोल राजा एलोरा ने श्रीलंका को जीतकर वहाँ 50 वर्षो तक शासन किया
चेर वंश
राजधानी - वंजी (केरल)
1. इस वंश के रोम साम्राज्य के साथ व्यापारिक सम्बन्ध थे और रोम शासको ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों की रक्षा के लिए यहाँ पर दो रेजीमेन्ट भी स्थापित कर रखी थी
यवन वंश
1. इसमे सबसे पहले आक्रमणकारी वैक्ट्रिया के ग्रीक (यूनानी) थे जिन्हे यवन के नाम से जाना जाता है
2. मिनाण्डर या मिलिन्द (160 - 120 ई०पू०) सर्वाधिक प्रशिद्ध यवन शासक था
जिसने भारत में यूनानी सत्ता को स्थापित किया था
3. प्रशिद्ध बौद्ध दार्शनिक नागसेन के साथ मिलिन्द के द्वारा किए गए वाद विवाद का विस्तृत वर्णन मिलिन्द - पान्हो में है
इसके बाद मिलिन्द ने बौद्ध धर्म अपना लिया
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जंतुओं का वैज्ञानिक नाम कोशिका और उसके अंग कोशिका भित्ति प्रोकैरियोटिक कोशिका मात्रक एक समान वृत्तीय गति गैलीलियो का नियम जड़त्व का नियम संवेग संरक्षण का सिद्धान्त अभिकेंद्रीय बल कार्य, ऊर्जा एवं शक्ति की परिभाषा गुरुत्वाकर्षण पलायन वेग कक्षीय वेग दाब की परिभाषा बैरोमीटर पास्कल का नियम प्लवन के नियन
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